Devi Jas Geet देश के विभिन्न हिस्सों में नवरात्रि के शुभ अवसर पर क्षेत्रीय भाषा में भक्ति स्वरूप गाये जाने वाले गीत होते हैं । यह अलग अलग क्षेत्रों में क्षेत्रीयता के आधार पर गाये जाते हैं । इसमें भारतीय वाद्य यंत्रों के साथ उत्तेजना एवं पूर्णतया देवी भक्ति स्वरूप के दर्शन होते हैं । वर्ष में दो नवरात्रि आती है , एक शारदेय नवरात्रि एवं दूसरी चैत्र नवरात्रि । दोनों नवरात्रि में माँ दुर्गा आराधना के स्वरूप में अखंड दीप के साथ जवारे भी स्थापित किए जाते हैं ।
Devi Jas Geet गायन
यह Devi Jas Geet माँ दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की आराधना स्वरूप गाये जाते हैं । साथ ही शिव पार्वती के लिए भी गाये जाते हैं । बहुचर्चित छत्तीसगढ़ी जस का अपना एक स्वरूप है जिसमें छत्तीसगढ़ की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है । मध्यप्रदेश के महकौशल, बुंदेलखंड एवं मालवा क्षेत्र में भी स्थानीय भाषा के पुट के साथ यह जस गाये जाते हैं । समय समय पर विभिन्न देवी भक्तों ने जो जस गाये हैं उन्हे एकत्रित कर देने का प्रयास किया जा रहा है ।
निवेदन है कि पाठक अपने स्तर से भी शब्दों का क्षेत्रीयता के आधार पर इस्तेमाल करते हुये अपने अंदाज में गायें ।
हम सभी आभारी है उन सभी गायकों के जिन्होने सबसे पहले इन जस को लिखा और गाया है ।
|| श्री गणेशाय नमः ||
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