- नमो नमो गणपती गणराया, दुने सुमर हनुमान माया
- प्रथम मना लऊं रे सदाशिव श्री गणपती को रे
- गणपती प्रथम मनाऊँ, ओ मैया मोरी गणपती प्रथम मनाऊँ
॥श्री गणेशाय नमः॥
(1)
नमो नमो गणपती गणराया, दुने सुमर हनुमान माया
नमो नमो गणपती गणराया, दुने सुमर हनुमान माया ॥
किन के रे गणपती गणराया , किन के रे हनुमान माया।
गौरा के गणपती गणराया , अंजनी के हनुमान माया ॥
काहो करन गणपती गणराया, काहो करन हनुमान माया ।
सिद्धि सदन गणपती गणराया , विध्न हरण हनुमान माया ॥
काहो चढ़त गणपती गणराया, काहो चढ़त हनुमान माया ।
लड्डू चढ़त गणपती गणराया, सिंदूर चढ़त हनुमान माया ॥
सुमर सुमर मैया तोरे जस गायो, रखियो चरण चितलाए माया ॥
(2)
प्रथम मना लऊं रे सदाशिव श्री गणपती को रे
प्रथम मना लऊं रे सदाशिव श्री गणपती को रे ।। 2 ।।
बुद्धि के विधाता रे, भोला वोही गनराज ।। प्रथम ।।
जेठ महिना रे, कि गौरारानी नहाने को बैठी रे ,
घीस घीस अंग रे, मैल ले लई रे निकार ।।
वो ही मैल को रे, कि गौरा रानी पुतला बना लई रे ,
सदाशिव पुतला बना लई रे ,
अरे पुतला बना के रे , द्वारे पे दई बैठार ।। प्रथम ।।
हुकम सुना दाई रे, कि गौरा रानी हुकम सुना दई रे ।
द्वारे के अंदर रे, कोई आने न पाये ।।
घुमघाम के रे कि भोला मेर महादेव तो आ गए रे ।
द्वार के ऊपर रे बाबा रार मचाए ।
सुमर सुमर के भोला मे तेरो जस गा लौ रे,
कि रखियों चरण चितलाए ।। प्रथम । ।
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(3)
गणपती प्रथम मनाऊँ, ओ मैया मोरी गणपती प्रथम मनाऊँ
गणपती प्रथम मनाऊँ, ओ मैया मोरी गणपती प्रथम मनाऊँ ॥
गणपती प्रथम मनाऊँ, ओ मैया मोरी गणपती प्रथम मनाऊँ ॥
चैत महिना गौरा नहाने को बैठी रे ,घीस घीस मैल निकार॥ गणपती॥
ओ ही मैल को पूतला बना लई , द्वारे पे दे दई बेठार ॥ गणपती ॥
द्वारे के अंदर कोई आने न पाये , ऐसों हुकम सुनाये ॥ गणपती ॥
घुमघाम के भोला जी आ गए , द्वारे पे रार मचाए ॥ गणपति ॥
भोलाजी जब हारन लागे, धड़ से शीश उड़ाए ॥ गणपती ॥
गौरा जी जब रुष्ट भाई है , गज को शीश लगाए ॥ गणपती ॥
सकल देवता हर्षित हो गए , गणपती नाम धराए ॥ गणपती ..
सुमर सुमर मैया तोरे जस गाये ,रखियों चरण चितलाए ॥गणपती ॥
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शेरों वाली मैया के दरबार में दुःख-दर्द मिटाये जाते हैं,
जो भी दर पर आते है शरण में लिए जाते हैं..!!
जय माता दी
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जय माता दी