Chhindwara Bhajan Diary with Lyrics : छिंदवाड़ा भजन डायरी

Chhindwara Bhajan Diary

छिंदवाड़ा भजन डायरी (Chhindwara Bhajan Diary) मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र में गांवों में स्थानीय भाषा एवं क्षेत्रीय लोकसंगीत की तरह भजन गए जाते हैं। यह Chhindwara Bhajan Diary भजनों के संग्रह का एक प्रयास है। प्रस्तुत भजन डायरी Chhindwara Bhajan Diary में सभी भजन विशिष्ट गीतकारों एवं गायकों द्वारा लिखे गए हैं। हम इन भजनों (Chhindwara Bhajan Diary) के लेखक होने का कोई दावा नहीं करते बल्कि हम उन सभी भजन गायकों एवं गीतकारों के आभारी हैं जिन्हों इन भजनों को गाया अथवा लिखा है। सभी भजनो के वास्तविक गायकों के नाम हम जल्द ही भजनों के साथ प्रकाशित करेंगे।

।। श्री गणेशाय नमः ।।

Chhindwara Bhajan Diary
Chhindwara Bhajan Diary

संकलनकर्ता
मोतीराम पवार


Table of Contents

गाइये गणपति जगवंदन ।

(Gaiye Ganpati Jabvandan Lyrics in Hindi by Chhindwara Bhajan Diary)

गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
सिद्धि सदन गजवदन विनायक ।
कृपा सिंधु सुंदर सब लायक ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

मोदक प्रिय मुद मंगल दाता ।
विद्या बारिधि बुद्धि विधाता ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।
शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥

मांगत तुलसीदास कर जोरे ।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥
गाइये गणपति जगवंदन ।


गणेश वंदना

गणेष वंदना
विघ्न हरण तेरो नाम गणेषा।।
जो सुमरे पावे न कलेषा।।
कर शोभे त्रिषूल बड़ भारी
ध्यावत सुर नर रुप हमेषा।।1।।
कमर कसी मोतियन की लड़िया
मात पिता तोरे गौरी महेषा।।2।।
मूषक वाहन रहत सवारी,
कहे टुकड़या मोहे हर भव पाषा।।3।।


नमामि श्री गणराज

(तर्ज : तू तो उडता पंछी यार … )

नमामि श्री गणराज द्याल !
करत हो भक्तनके प्रतिपाल ।।टेक।।
निशिदिन ध्यान धरे जो प्राणी, हरे सकल भवजाल ।
जन्म-मरणसे होत निराला, नहिं लगती करमाल ।।१।।
लंबोदर गजवदन मनोहर, गले फुलोंकी माल ।
रिध्दि सिध्दी चमर डुलावे, शोभत सेंदुर भाल ।।२।।
मूषकवाहन त्रिशुल-परशुधर, चंदन झलक बिशाल ।
ब्रह्मादिक सब ध्यावत तुमको, अरजे तुकड्या बाल ।।३।।


श्री गणराज पूजा तुम्हारी है।

श्री गणराज पूजा तुम्हारी है।
विनती सुनलो 2 अर्ज हमारी है।
गौरी नन्दन तुम्ही कहलाते हो ,
पहली पदवी देवो में पाते हो,
प्रभु तुम्हारी महिमा निराली है।।1।।
भक्त तेरा दर्षन का मारा है,
तुमने लाखों भव से तारा है,
हमको भी तारों मर्जी तुम्हारी है।।2।।
ध्यान में हरपल तेरा ही ध्यान किया,
भक्ति रस का मैने तो जाम पिया,
प्रभु तुम्हारी ये दुनिया दुखारी है।।3।।


आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,

आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,
आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,
मंगल कारज हो जब, हमारे घर आँगन में,
दर्शन दिखाना तुम, हमको ऐ देवा,
आना होके सवार, मूषक वाले वाहन में,
आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में।।1
श्रद्धा से हम तेरा पूजन करेंगे, 2 मोदक लड्डू का थाल,
हम देंगे तुम्हे भोजन में,
आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में,
आना गणपतिं देवा।।2
रूप अनुपम तुम्हारा गजानन,2 ज्यूँ ना भलाई समाय,
हम भक्तो के नैनन में,
आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में,
आना गणपतिं देवा।।3
भक्तो के मन की यही कामना है,2 बीते हमारा ये जीवन,
गणेशा तेरे चरणन में,
आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में,
आना गणपतिं देवा।।4
बस इतनी किरपा तुम करना गजानन,2 खुशियाँ ही खुशियाँ ले आना,
देवा हमारे जीवन में,
आना गणपतिं देवा, हमारे घर कीर्तन में,
आना गणपतिं देवा।।5
रिद्धि सिद्धि को भी तुम साथ लाना,2 उनका भी दर्शन दिखाना,
हमारे घर कीर्तन में, आना गणपतिं देवा,
हमारे घर कीर्तन में, आना गणपतिं देवा।।6
लक्ष्मी जी को भी तुम संग में ले आना,2 धन वर्षा तुम कराना,
हमारे घर कीर्तन में,आना गणपतिं देवा,
हमारे घर कीर्तन में, आना गणपतिं देवा।।7
आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,
मंगल कारज हो जब, हमारे घर आँगन में,
दर्शन दिखाना तुम,
हमको ऐ देवा, आना होके सवार,
मूषक वाले वाहन में,आना गणपतिं देवा,
हमारे घर कीर्तन में।


मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे

मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे
भोले बाबा जी की आँखों के तारे
प्रभु सभा बीच में आ जाना आ जाना
॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥
तेरी काया कंचन कंचन,
किरणों का है जिसमे बसेरा।
तेरी सूंड सुंडाली मूरत,
तेरी आँखों मे खुशियों का डेरा ।
तेरी महिमा अपरम्पार,
तुझको पूजे ये संसार ।
प्रभु अमृत रस बरसा जाना, आ जाना ।
॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥

प्रभु भजन तुम्हारे गाएं,
सबसे पहले हम तुमको मनाएं ।
धुप दीपो की ज्योति जलाएं,
मन मंदिर मे झांकी सजाएं ।
मेरे भोले भगवान,
दे दो भक्ति का दान ।
प्रभु नैया पार लगा जाना, आ जाना ।
॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥

मेरे विधन विनाशक देवा,
सबसे पहले करें तेरी सेवा ।
सारे जग मे आनंद छाया,
बोलो जय जय गजानंद देवा ।
बाजे सुर और ताल,
तेरा गुण गाये संसार ।
घुंघरू की खनक खनक जाना, आ जाना ।
॥ मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे ॥


मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,

मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमानहे महावीर करो कल्याण।।
तीनो लोक तेरा उजियारा, दुखियों का तूने काज सवारा,
हे जगवंदन केसरी नंदन,2 कष्ट हरो हे कृपा निधान।
मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान, हे महावीर करो कल्याण।।
तेरे द्वारे जो भी आया, खाली नहीं कोई लौटाया,
दुर्गम काज बनावन हारे, मंगलमय दीजो वरदान।
मंगल मुरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान, हे महावीर करो कल्याण।।
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा, नासे रोग हरे सब पीरा,
राम लखन सीता मन बसिया, ,शरण पड़े का कीजे ध्यान।
मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
हे बजरंगबली हनुमान,हे महावीर करो कल्याण,
हे महावीर करो कल्याण।।


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार |
अष्ट सिद्धि, नव निद्दी के दाता,
दुखिओं के तुम भाग्यविदाता ।
सियाराम के काज सवारे,
मेरा करो उधार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार |
अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,
तुम पर रीझे अवधबिहारी ।
भक्ति भाव से ध्याऊं तुम्हे,
कर दुखों से पार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।


हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार |
जपूं निरंतर नाम तिहरा,
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।
राम भक्त मोहे शरण मे लीजे,
भाव सागर से तार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥


ये प्रेम सदा भरपूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।

ये अर्ज़ मेरी मंजूर रहे, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।

निज जीवन की यह डोर प्रभु, तुम्हें सौंपी दयाकर इसको धरो।
उद्धार करो ये दास पड़यो, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।।

संसार में दिखा सार नहीं, तब श्री चरणों की शरण गही।
भव बंध कटे यह विनती है, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।।

आँखों में तुम्हारा रूप रहे, मन ध्यान में तेरे मगन रहे।
मन अर्पित निज सब कर्म करे, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।।

ये शब्द मेरे मन से निकले, मेरे नाथ सुन जिनको पिघले।
मेरे भाग सदा ही ऐसे रहें, गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।।


तोरा मन दर्पण कहलाये ॥

तोरा मन दर्पण कहलाये ॥

मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा न कोय॥
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होय,
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल न जमने पाये,
तोरा मन दर्पण कहलाये॥

सुख की कलियाँ, दुख के कांटे, मन सबका आधार॥
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हज़ार ,
जग से चाहे भाग लो कोई, मन से भाग न पाये ,
तोरा मन दर्पण कहलाये॥

तन की दोलत,जल की छाया मन का धन अनमोल॥
तन के कारण मन की धुन को मत मट्टी में रोल,
मन की कदर भूलने वाला हीरा जनम गवाए
तोरा मन दर्पण कहलाये॥


बीत गये दिन भजन बिना रे

beet gaye din bhajan bina re

बीत गये दिन भजन बिना रे ।
भजन बिना रे भजन बिना रे ॥

बाल अवस्था खेल गवांयो ।
जब यौवन तब मान घना रे ॥

लाहे कारण मूल गवाँयो ।
अजहुं न गयी मन की तृष्णा रे ॥

कहत कबीर सुनो भई साधो ।
पार उतर गये संत जना रे ॥


बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।2
ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे कहाँ है मुरली वाला रे
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।
कोई ना जाए कुञ्ज गलिन में, तुझ बिन कलियाँ चुनने को ।
तुझ बिन कलियाँ चुनने को ।
तरस रहे हैं..
तरस रहे हैं जमुना के तट, धुन मुरली की सुनने को ।
अब तो दरस दिखा दे नटखट, क्यों दुविधा में डाला रे ।
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।
संकट में है आज वो धरती, जिस पर तूने जनम लिया ।
जिस पर तूने जनम लिया ।
पूरा कर दे…
पूरा कर दे आज वचन वो, गीता में जो तूने दिया ।
कोई नहीं है तुझ बिन मोहन, भारत का रखवाला रे ।

बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।

ग्वाल-बाल इक-इक से पूछे कहाँ है मुरली वाला रे ।
बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला ।


बजरंगबली तेरा, हम दर्श अगर पाए,

बजरंगबली तेरा, हम दर्श अगर पाए,
हे राम भगत तेरे, चरणों में लिपट जाए||
अंजनी के लाल जग में, तेरी महिमा भारी है,
हे पवन पुत्र तुम तो, शंकर अवतारी है,
बिन देखे तेरी सूरत, अब चैन नहीं आए,
बजरंग बली तेरा, हम दर्श अगर पाएं,
हे राम भगत तेरे, चरणों में लिपट जाए,
बजरंगबली तेरा।
सूरज को निगल कर के, बजरंगी कहलाए,
लंका को जला कर के, सीता की खबर लाए,
लक्ष्मण को बचाने को, पर्वत ही उठा लाए,
बजरंग बली तेरा, हम दर्श अगर पाएं,
हे राम भगत तेरे,चरणों में लिपट जाए,
बजरंगबली तेरा।।
मोतियन की माला को, जब तोड़ तोड़ डाले,
बातों ही बातों में, सीने को फाड़ डाले,
विभीषण ने देखा, सिया राम नज़र आए,
बजरंग बली तेरा, हम दर्श अगर पाएं,
हे राम भगत तेरे, चरणों में लिपट जाए,
बजरंगबली तेरा।।
ओ सालासर वाले, तेरा गुणगान करे,
ऐसा वरदान देवो, घर घर तेरा नाम करे,
दो शक्ति हमें बाबा, तेरी सेवा कर पाए,
बजरंग बली तेरा, हम दर्श अगर पाएं,
हे राम भगत तेरे, चरणों में लिपट जाए,
बजरंगबली तेरा।।


बंसी बजा के श्याम ने,

बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया,
अपनी निगाहें नाज़ से, मस्ताना कर दिया,
बँशी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया।।

जब से दिखाई श्याम ने, वह सांवली सूरत,
खुद बन गए शम्मा, मुझे परवाना कर दिया,
बँशी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया।।

वो छोड़ कर के मोहन हमे, मथुरा में जा बसे,
कुब्जा से करी प्रीत हमें, बेगाना कर दिया,
बँशी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया।।

बांकी अदा से देखा, मनहरण श्याम ने,
मनहरण श्याम ने सखी, चितचोर श्याम ने,
इस दुनिया से मुझको, बेगाना कर दिया,
बँशी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया।।

बंसी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया,
अपनी निगाहें नाज़ से, मस्ताना कर दिया,
बँशी बजा के श्याम ने, दीवाना कर दिया।।


करूँ वंदन हे शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,

करूँ वंदन हे शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
विघ्न अमंगल तेरी कृपा से, मिटते है गजराज जी,
विश्व विनायक बुद्धि विधाता, श्री गणपति गजराज जी,
जब भी मन से करूँ अभिनन्दन, अंतर मन हो जाए पावन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
करूं वंदन हें शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
रिद्धि सिद्धि के संग तिहारो, सोहे मूस सवारी,
शुभ और लाभ के संग पधारो, भक्तन के हितकारी,
काटो क्लेश कलह के बंधन, हे लम्बोदर हे जग वंदन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
करूं वंदन हें शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
देवो में है प्रथम पूज्य, हे एकदंत शुभकारी,
वंदन करे ‘देवेंद्र’ उमासूत, पर जाऊँ बलिहारी,
करता ‘कुलदीप’ महिमा मंडन, बादल’ विघ्नेश्वर का सुमिरण,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
करूं वंदन हें शिव नंदनतेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥
करूँ वंदन हे शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी, जय जय हो गजानन जी ॥


ओ पापी मन करले भजन

ओ पापी मन करले भजन
फ़िल्मी तर्ज – जिसका मुझे था इंतजार
ओ पापी मन करले भजन, मौका मिला है तो करले जतन ।।
बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।।
चार दिनों का है जग का मेला,
कोई ना साथी संगी अकेला।
जैसा तू आया जग में वैसा ही तू जाएगा,
मुठ्ठी बाँध के आया जग में हाथ पसारे जाएगा,
हो बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।।

भाई बंधू कुटुंब कबीला,
ये तो जग का झूठा झमेला,
मरने के बाद तुझे आग में जलाएंगे,
तेरह दिनों का तेरा मातम मनाएंगे,
बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।।

राम नाम का सुमिरण करले,
राम जी का नाम प्यारे घट में धर ले,
राम जी का नाम प्यारे काम तेरे आएगा,
जीवन मरण से तू मुक्ति पा जायेगा,
बाद में प्यारे पछताएगा जब, पिंजरे से पंछी निकल जाएगा।।


गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना

गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना,
मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना….
(तर्ज – ऐ मेरे दिल ए नादाँ तू गम से ना घबराना)
करूणानिधि नाम तेरा, करूणा दिखलाओ तुम,
सोये हुए भाग्यो को, हे नाथ जगाओ तुम,
मेरी नाव भवर डोले, इसे पार लगा देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना….
तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो,
इस तन में समाये हो, मुझे प्राणों से प्यारे हो,
नित्त माला जपूँ तेरी, नहीं दिल से भुला देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना….
पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ,
घर बार छोड़ कर मैं, जीवन से खेला हूँ,
मैं दुःख का मारा हूँ, मेरा दुखड़ा मिटा देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना….
मैं सब का सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेरा हूँ,
नहीं नाथ भुलाना मुझे, इस जग में अकेला हूँ,
तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना,
गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना….


उठो मुसाफिर बिस्तर बांधो गाड़ी आने वाली है,

उठो मुसाफिर बिस्तर बांधो गाड़ी आने वाली है,
सत्य नाम का टिकट कटा लो घंटी हाने वाली है।।
अकल की अग्नि करम का कोयला धरम का धुआं उड़ाती है।
स्टेषन से गाड़ी छूटी,फिर नहीं आने वाली है।।
पाप पुण्य के डिब्बे भरकर ,दिन भर आती जाती है।
इस गाड़ी में सब कोई बैठे ,यमपुर जाने वाली है।।
तन का पहिया आत्मा का इंजन,दीपक राग सुनाती है।
कहे कबीरा सुन भाई साधु,गाड़ी अजब निराली है।।


स्ंसारी सतकर्म जोड़ी,हरिनामाची लागू दे गोड़ी

स्ंासारी सतकर्म जोड़ी,हरिनामाची लागू दे गोड़ी।।
मानवा तू गर्व सोड़ी मानवा तू गर्व सोड़ी ।।
डोलू नको,तू असत बोलू नको,
फूक्याने गर्वाने नटून थटून चालू नको,
अंती होईल या देहाची होली।।मानवा तू—-
केव्हा कूंठा रे ,तूझा अंत कूण्ठे,
इथे गर्वाने वाया गेले मोठे मोठे,
रावणाची लंका ही जाळली।।मानवा तू—-
हंसू नको ,तू इथे रुसू नको,
जिथे सतसंग नाही तिथे बसू नको,
वाईट सर्वया मनाचा तू सोड़ी।। मानवा तू–


सांझ भई तू सोजा पंछी,भोर भई उड़ जाना है

सांझ भई तू सोजा पंछी,भोर भई उड़ जाना है।।
आज तू सोले सुख की निंदिया
कल का नहीं ठिकाना है 2
ये वसंत की सुंदर कलिया,
रंगरीत और ये रंग रलिया।
अपना मन बहलाने को ये,
कैसा सुंदर सपना है 2।।सांझ-
समझ अरे जीवन की माया,
आषा मे है छिपी निराषा।
जीवन भर का रोना है ,
और एक पल का मुसकाना 2।।सांझ–
इस नगरी की रीत हे उलटी,
झूठे मीत है और झूठी प्रीति।
छोड़ के पंछी इस नगरी को,
फिर तुझको नहीं आना है 2।।सांझ —
सांझ भई तू सोजा पंछी,भोर भई उड़ जाना है।।


बादल देख डरी ,ष्याम मै बादल देख डरी।।

बादल देख डरी ,ष्याम मै बादल देख डरी।।
काली पीली घटा जो उमड़ी 2
बरस्यों एक घड़ी,ष्याम मै—
बादल देख डरी—
जित जाउं उत पानी पानी हुई हुई भीग हरी।
श्याम मै तो बादल —
जाके पिय परदेष बसत है,भींजू बाहर खड़ी।
श्याम मै तो बादल —
मीरा के प्रभु हरि अविनाषी,कीजों प्रीत खरी।
श्याम मै तो बादल —


झुनक स्याम की पैजनियाँ |

झुनक स्याम की पैजनियाँ |
जसुमति-सुत कौ चलन सिखावति,
अँगुरी गहि-गहि दोउ जनियाँ ||1||
स्याम बरन पर पीत झँगुलिया,
सीस कुलहिया चौतनियाँ ||2||
जाकौ ब्रह्मा पार न पावत,
ताहि खिलावति ग्वालिनियाँ ||3||
दूरि न जाहु निकट ही खेलौ,
मैं बलिहारी रेंगनियाँ ||4||
सूरदास जसुमति बलिहारी,
सुतहिं खिलावति लै कनियाँ ||5||


झनक झनक तोरी बाजे पायलिया

झनक झनक तोरी बाजे पायलिया
प्रीत के गीत सुनाये पायलिया
रंग महल और रैन सुहानी
छम छम नाचे मस्त जवानी
मैं लहरों में खोया जाऊँ
ऐसी धूम मचाये पायलिया
ये कजरारी चंचल अंखियाँ
होंठ गुलाबी फूल की पतियाँ
लट बिखरे तो गाल पे ठहरे
होश जिया के उड़ाये पायलिया
इंद्रधनुश सा लोच कमरिया
ब्रिंदाबन की जैसे गुजरिया
बाँवरी रस पे कर दे जादू
आग में आग लगाये पायलिया


अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए

अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए
हाय रे सावन बीता जाए
नींद भी अंखियन द्वार न आए
तोसे मिलन की आस भी जाए
आई बहार खिले फुलवा
मोरे सपने कौन सजाए
आ … अजहुं …
चांद को बदरा गरवा लगाए
और भी मोरे मन ललचाए
यार हसीन गले लग जा
मोरी उम्र गुज़रती जाए
आ … अजहुं ..
सावन बीता जाए
. अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए


भोले की भांग पीलो, भक्ति का नषा चढ़ेगा

भोले की भांग पीलो, भक्ति का नषा चढ़ेगा ।
कितना नषा चढ़ेगा, ये पीकर पता चलेगा ।।

गौरा ने भांग छानी ,भोले ने उसको मानी।
भंगिया पिला के गौरा,भोले की हुइ्र दिवानी।
फैलाकर रखना दामन, भोले सदा भरेगा।।

पीता है भंग का प्याला,पर्वत का रहने वाला।
जो भी लगन लगाले,खुल जाए दिल का ताला।
भक्ति में जो जीएगा भकित में ही तरेगा।।

भंगिया भी तुमको भाई,गौरा ने दी दुहाई।
दुखिया हूं मै विधाता आकर करो सहाई।
हमने सुना है दाता दुःख को तू ही हरेगा।।

भोले की भांग पीलो, भक्ति का नषा चढ़ेगा ।
कितना नषा चढ़ेगा, ये पीकर पता चलेगा ।।


झूला झूलन आ गए कन्हैया

झूला झूलन आ गए कन्हैया
झूला झूलन आ गए कन्हैया, झूला झूलन आ गए,
अरे झूला झूलन आ गए कन्हैया,
झूला झूला झूलन आ गए रे आ गए,
झूला झूलन आ गए………

काहेन को तेरो पलना बनो है,
काहेन डोरी लगा लए कन्हैया ,
झूला झूलन आ गए……..

चंदन को तेरो पलना बनो है,
पलना बनो है कान्हा पलना बनो है,
रेशम डोरी लगा लए कन्हैया,
झूला झूलन आ गए………

मैया झूला रही झूलना रे,
झूले नंदलाल पलना में,
झूला झूलन आ गए कन्हैया झूला झूलन आ गए रे
झूला झूलन, झूला झूलन, झूला झूलन रे…..


होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो

होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो रे। 3बार
बरसाने अइयों रे 2बार
होली होली
होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो रे। 2बार

1.फूलन लागे अमुवा इमलिया,
भूल गए बलदाउ कान्हा 2
बरसाने मे होने लगे है,गली गली मे डंका।। होली 2
होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो रे। 2बार

मन वीणा के तारे टूटी
राग कोई ना भाए रे कान्हा राग कोई ना भाए,
झूम उठे सब लोग कन्हैया,बंसी बजइयो रे। होली 2
होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो रे। 2बार

मै भी आउं सखियन के संग
तू ग्वालन संग अइयो रे कान्हा 2
पग में घूंगरु मैं बांधू तू बंसी बजइयों रे।होली 2
होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो रे। 2बार


नाचे जो नंदकिषोर

नाचे जो नंदकिषोर रे 2
बृन्दावन की कुंज गलिन में नाचे जो–

मोर मुकुट सर पे सोहे , गले फूलन के हार रे।
पीतांबर कटि बीच विराजे ,
मुरली बजे अधार रे।। नाचे —

वीणा ताल मृदंगा बाजे ,बाजे झांझ सितार रे ।
छनछन छन नुपूर बाजे
करके मन अकार रे ।। नाचे —-

सखियों के संग राधा नाचे ,कर सोलह सिंगार रे ।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर
लीला अपरम्पार रे ।।नाचे—


राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे

मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे,
राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे,
मेरी झोपडी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥
राम आएँगे तो, आंगना सजाऊँगी,
दिप जलाके, दिवाली मनाऊँगी,
मेरे जन्मो के सारे, पाप मिट जाएंगे राम आएँगे,
मेरी झोपडी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥
राम झूलेंगे तो, पालना झुलाऊँगी,
मीठे मीठे मैं, भजन सुनाऊँगी,
मेरी जिंदगी के, सारे दुःख मिट जाएँगे, राम आएँगे,
मेरी झोपडी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥
मैं तो रूचि रूचि, भोग लगाऊँगी,
माखन मिश्री मैं, राम को खिलाऊंगी,
प्यारी प्यारी राधे, प्यारे श्याम संग आएँगे, श्याम आएँगे,
मेरी झोपडी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥
मेरा जनम सफल, हो जाएगा,
तन झूमेगा और, मन गीत गाएगा,
राम सुन्दर मेरी, किस्मत चमकाएंगे, राम आएँगे,
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे,
राम आएँगे, राम आएँगे आएँगे, राम आएँगे,
मेरी झोपडी के भाग, आज खुल जाएंगे, राम आएँगे ॥


सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,

तर्ज – जगत के रंग में क्या देखु।
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
पखारो इनके चरणो को, बहा कर प्रेम की गंगा,
बहा कर प्रेम की गंगा, बिछा दो अपनी पलको को,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
उमड़ आई मेरी आँखे, देख कर अपने बाबा को,
देख कर अपने बाबा को, हुई रोशन मेरी गलियां,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
तुम आकर फिर नहीं जाना, मेरी इस सुनी दुनिया से,
मेरी इस सुनी दुनिया से, कहूँ हर दम यही सब से,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा, मेरे सरकार आये है।।
सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,
मेरे सरकार आये है,
लगे कुटिया भी दुल्हन सी, लगे कुटिया भी दुल्हन सी,
मेरे सरकार आये है,
सजा दो घर को गूलशन सा,
मेरे सरकार आये है।।


ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में

ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
मुरली की तान सुनाया करना
मोहना मोहना…सांवरा सांवरा…
माया ना मांगू,
मैं तो मोती ना मांगू,
लम्बी जीवन की मैं तो ज्योति ना मांगू,
मांगू तो बस इतना कि, तू मेरे साथ रहे
जीवन की हर पल तू साथ रहे
छोटी से अर्ज मेरी सुन लो कन्हियाँ
चरणों की छाव में बिठाये रखना
सांवरा सांवरा, ,,,
मोहना मोहन,,,,
ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
मुरली की तान सुनाया करना,
कान्हा बिन अब तो रहा नही जाए,
मन ही निराला कहा तोड़ा तोड़ा जाए
क्या है यत्न तू बता दे जरा
रस्ता निहारो कान्हा बैठे तेरे राह में
हमको भी दरस दिखाया करना
सांवरा सांवरा, ,,,
मोहना मोहन,,,,
ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
मुरली की तान सुनाया करना
सुन लो कन्हियाँ एक विनती हमारी,
हरलो अभी से सारी विपदा हमारी
बस हमको याद रहे एक तेरा नाम
तेरा नाम, ओ मेरे श्याम ,तो घनश्याम
रटते रहे हम तेरा नाम हमेशा
नया को पार लगाए रखना
सांवरा सांवरा, ,,,
मोहना मोहन,,,,
ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
मुरली की तान सुनाया करना
ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
मुरली की तान सुनाया करना
सांवरा सांवरा, ,,,
मोहना मोहन,,,,


मात पिता गुरु चरणों में

मात पिता गुरु चरणों में
मात पिता गुरु चरणों में प्रणवत बारम्बार,
हम पर किया बड़ा उपकार,हम पर किया बड़ा उपकार,

माता ने जो कस्ट उठाया,वह ऋण कभी ना जाय चुकाया,
अंगुली पकड़कर चलना सिखाया,ममता की दी सीतल छाया,
जिनकी गोद में पलकर हम,कहलाते हुसियार,
हम पर किया बड़ा उपकार,

पिता ने हमको योग्य बनाया,कमा कमाकर अन्न खिलाया
पढ़ा लिखा गुणवान बनाया,जीवन पथ पर चलना सिखाया
जोड़ जोड़ अपनी सम्पति का,बना दिया हरक़दर
हम पर किया बड़ा उपकार,

तत्व ज्ञान गुरु ने दर्शाया,अंधकार सब दूर भगाया
ह्रदय में भक्ति दिप जलाकर,हरी दर्शन का मार्ग बताया
बिन स्वार्थ ही कृपा करे,कितने बड़े हे उदार
हम पर किया बड़ा उपकार,

प्रभु कृपा से नर तन पाया,संत मिलन का साज सजाया
बल बुद्धि और विद्या,देकर सब जीवो में श्रेष्ठ बनाया
जो भी इनकी सरन में आता, कर देते उद्धार
हम पर किया बड़ा उपकार,


मन भजले तू रामकृष्णा सोए देखे सपना

मन भजले तू रामकृष्णा, सोए देखे सपना 2

मोह माया बंधनों से छूटे कभी न ये तन।
फिर याद उसकी कर ले ,मिलता नहीं ये तन।
गुरु ज्ञान अब तो करले ,जीवन है एक सपना।।
सोए तू देखे सपना——

प्यासा फिरे तू दर दर ,सागर भरा पड़ा है।
क्रले तू याद उसकी ,क्या सोच में पड़ा है।
पाये न पाये ये तन ,रह जाए तेरी तृष्णा।।
सोए तू देखे सपना——

सोए थे क्या कि जागे , जागे का मोक्ष करले।
पापों भरी थी योनियां, भक्ति से ब्रहम भजले।
अजी ऐसे फंसे अब तो,पिंजरे में जैसी मैना।।
सोए तू देखे सपना—–


सर पे मटकीया दो दो धरी,

सर पे मटकीया दो दो धरी, अरे सर पे मटुकीया दो दो धरी,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया।।
संग सहलनी उनके संग में, उनके संग में रे उनके संग में,
राह में मिल गय कृष्ण मुरारी, क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया, क्या चाल चले मतवाली।।
कंकर मारे जो मटकी रे फोड़े, नरम कलैया हमारी मरोड़े,
लूट लूट दहिया खाये बिहारी, क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया, क्या चाल चले मतवाली।।
उंगली पकड़ मेरी बहियां मरोड़े, बहियां मरोड़े रे बहियां मरोड़े,
अरे ले गयो चीर हमारी, क्या चाल चले मतवाली,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया, क्या चाल चले मतवाली।।
सर पे मटकीया दो दो धरी, अरे सर पे मटुकीया दो दो धरी,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया।।
सर पे मटकीया दो दो धरी,
अरे सर पे मटुकीया दो दो धरी,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया,
क्या चाल चले मतवाली गुजरिया।।


तेरी हीरा जैसी श्वांसा बातो में बीती जाये रे

तेरी हीरा जैसी श्वांसा बातो में बीती जाये रे
अरे मन राम कृष्णा बोल,मनवा राधे कृष्णा बोल

गंगा जमुना खूब नहाया गया ना मन का मैल
घर धंधों में लगा हुआ है ज्यों कोल्हू का बैल
तेरे जीवन की ये आशा बातो में बीती जाये रे
बातों में बीती जाये,मनवा राधे कृष्णा बोल ||1||

किया ना कुछ भी पौरुष जग में दिया ना कुछ भी दान
तेरी मेरी करता करता निकल गया ये प्राण
जैसे पानी बीच बताशा,बातो में बीती जाये रे
बातों में बीती जाये अरे मन राधे कृष्णा बोल ||2||

नस नस में प्रति रोम रोम में राम बसा है
प्रक्रति बिंदु के कण कण में भी उसको पहचान
प्रभु से मिलने की अभिलाषाबातो में बीती जाये रे
बातो में बीती जाय अरे मन राधे कृष्णा बोल ||3||


तेरी अंखिया हैं जादू भरी

तेरी अंखिया हैं जादू भरी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ।

सुनलो मेरे श्याम सलोना, तुमने ही मुझ पर कर दिया टोना ।
मेरी अंखियां तुम्ही से लड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

तुम सा ठाकुर और ना पाया, तुमसे ही मैंने नेहा लगाया ।
मैं तो तेरे ही द्वार पे पड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥

कृपा करो हरिदास के स्वामी, बांके बिहारी अन्तर्यामी ।
मेरी टूटे ना भजन की लड़ी, बिहारी मैं तो कब से खड़ी ॥


मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,

मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे |

यमुना मैया कारी कारी राधा गोरी गोरी |
वृन्दावन में धूम मचावे बरसाना री छोरी |
व्रज्धाम राधाजू की रजधानी लागे ||

कान्हा नित मुरली मे टेरे सुमरे बरम बार |
कोटिन रूप धरे मनमोहन, तऊ ना पावे पार |
रूप रंग की छबीली पटरानी लागे ||

ना भावे मने माखन-मिसरी, अब ना कोई मिठाई |
मारी जीबड़या ने भावे अब तो राधा नाम मलाई |
वृषभानु की लाली तो गुड़धानी लागे ||

राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम |
तिनकी बाधा दूर करत है राधा राधा नाम |
राधा नाम मे सफल जिंदगानी लागे ||


तेरी बन जैहैं गोविन्द गुण गायेसे

तेरी बन जैहैं गोविन्द गुण गायेसे, राम गुण गायेसे ॥ टेर ॥

ध्रुव की बन गई, प्रह्लाद की बन गई।
दुरपदी की बन गई, चीरके बढायेसे॥ तेरी बन…. ॥

बाली की बन गई, सुग्रीव की बन गई।
हनुमत की बन गई, सिया-सुधि लायेसे॥ तेरी बन…. ॥

नन्द की बन गई, यशोदा की बन गई।
गोपियाँ की बन गई, माखन के खवायेसे॥ तेरी बन…. ॥

गज की बन गई, गीध की बन गई।
केवट की बन गई, नाव पे चढायेसे॥ तेरी बन…. ॥

उद्धव की बन गई, भीष्म की बन गई।
अर्जुन की बन गई, गीता-ज्ञान पायेसे॥तेरी बन…. ॥

तुलसी की बन गई, सूरा की बन गई।
मीरा की बन गई, गोविन्द के रिझायेसे॥ तेरी बन…. ॥


श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी

श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥

पितु मात स्वामी, सखा हमारे, हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
॥ श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी…॥

बंदी गृह के, तुम अवतारी कही जन्मे, कही पले मुरारी
किसी के जाये, किसी के कहाये है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥
है अद्भुद, हर बात तिहारी ॥ गोकुल में चमके, मथुरा के तारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
अधर पे बंशी, ह्रदय में राधे बट गए दोनों में, आधे आधे
हे राधा नागर, हे भक्त वत्सल सदैव भक्तों के, काम साधे ॥
सदैव भक्तों के, काम साधे ॥ वही गए वही, गए वही गए
जहाँ गए पुकारे
हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
गीता में उपदेश सुनाया धर्म युद्ध को धर्म बताया
कर्म तू कर मत रख फल की इच्छा यह सन्देश तुम्ही से पाया
अमर है गीता के बोल सारे हे नाथ नारायण वासुदेवा॥
श्री कृष्णा गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥
पितु मात स्वामी सखा हमारे,
हे नाथ नारायण वासुदेवा ॥


तेरी पार करेंगे नैय्या, भज मन कृष्ण कन्हैया


तेरी पार करेंगे नैय्या, भज मन कृष्ण कन्हैया
तेरी पार करेंगे नैय्या, भज मन कृष्ण कन्हैया
तेरी पार करेंगे नैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।। टेर ।।
निशि-दिन भज गोपाल पियारे, मोर-मुकुट पीताम्बर बारे
भक्तों के रखवैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।१।।
स्वाँस-स्वाँस भज नन्द-दुलारे, वो ही बिगड़े काज सँवारे ।
नटवर चतुर रिझैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।२।।
अर्जुन के हित रथ को हाँका, साँवरिया गिरधारी बाँका
भारत युद्ध जितैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।३।।
ग्वाल-बाल सँग धेनु चरावै, लूट-लूट दधि माखन खावै ।
काली नाग नचैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।४।।
भक्त सुदामा चावल लाये, गले लगाकर भोग लगाये ।
कहकर भैया-भैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।५।।
नरसी जी ने टेर लगाई, साँवल शाह नहिं देर लगाई ।
|| ऐसे भात भरैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।६।।
संकट से प्रहलाद उबार्यो, खंभ फाड़ हिरनाकुश मार्यो ।
नरसिंह रूप धरैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।७।।
जल-डूबत गज हरिहिं पुकार्यो, छोड़ि गरुड़ प्रभु तुरत सिंधार्यो ।
गज की टेर सुनैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।८।।
आहत हो गजराज पुकारा, मैं हूँ भगवन दास तुम्हारा ।
पहुँचे गरुड़ चढ़या, भज मन कृष्ण कन्हैया ॥९॥
अबला को दे शरण न कोई, भरी सभा में द्रोपदी रोई ।
पहुँचे चीर बलैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ॥१०॥
बन में एक शिला थी भारी, चरण छुवाय अहिल्या तारी ।
ऐसे स्वर्ग पढ़या, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।११।।
दीनानाथ सर्व हितकारी, संकट मोचन कृष्ण मुरारी ।
जन का पन रखवैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।१२।।
बाल कृष्ण गोपाल, हमारौ, बृजवासिन को प्राण पियारौ ।
नन्द महरि कौ छैय्या, भज मन कृष्ण कन्हैया ॥१३।।
मीरा कहैं प्रभु गिरधर नागर, सूर कहैं मेरे नटवर नागर ।
घट-घट वास करैया, भज मन कृष्ण कन्हैया ।।१४।।


मानव जनम अनमोल रे

मानव जनम अनमोल रे
मानव जनम अनमोल रे, माँटी में न रोल रे।
अब तो मिला है फिर न मिलेगा, कभी नहीं कभी नहीं-कभी नहीं रे॥
तू सत्संग में आया कर, गीत प्रभू के गायाकर।
साँझ सबेरे बैठ के वन्दे, हरि का ध्यान लगाया कर ॥
नहीं लगता कुछ मोल रे, माँटी में न रोल रे।
अब तो मिला है..
तू, बुलबुला है पानी का, मत कर मान जवानी का।
नेक कमाई करले रे भाई, पता नहीं जिन्दगानी का ॥
मीठा सबसे बोल रे, माँटी में न रोल रे।
अब तो मिला है..
मतलब का संसार है, इसका नहीं ऐतबार है।
सम्भल-सम्भल कर कदम धरो, फूल नहीं अंगार है।
मन की आँखें खोल रे, माँटी में न रोल रे।
अब तो मिला है………….
श्रीसत्गुरु सिर मौर हैं, ज्ञान का भण्डार हैं।
जो कोई इनकी शरण में आवे, करते भव से पार हैं।
जीवन है अनमोल रे, माँटी में न रोल रे।
अब तो मिला है……….


ये तो प्रेम की बात है ऊधौ

ये तो प्रेम की बात है ऊधौ
ये तो प्रेम की बात है ऊधौ बन्दगी तेरे बस की नहीं है।
यहां के सरदेके होते हैं सौदे, आशिकी इतनी सस्ती नहीं है॥1॥
ये तो प्रेम बात……..
प्रेमवालों ने तब वक्त पूछा, उनकी पूजा में सुन ले ये ऊधौ।
यहां दम दम में होती है पूजा, सर उठाने की फुरसत नहीं है॥2॥
ये तो प्रेम बात……..
जो असल में है मस्ती में डूबे, उन्हें क्या परवाह जिन्दगी की।
जो उतरती है चढ़ती है मस्ती, वो हकीकत में मस्ती नहीं है॥3॥
ये तो प्रेम बात……..
जिसकी नजरों में हैं श्याम प्यारे, वो तो रहते हैं जग से न्यारे।
जिसकी नजरों में मोहन समाए, वो नजर फिर तरसती नहीं है॥4॥
ये तो प्रेम बात….


श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं


श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं,
हे गिरिधर तेरी आरती गाऊं।
आरती गाऊं प्यारे आपको रिझाऊं,
श्याम सुन्दर तेरी आरती गाऊं।
बाल कृष्ण तेरी आरती गाऊं॥

मोर मुकुट प्यारे शीश पे सोहे।
प्यारी बंसी मेरो मन मोहे।
देख छवि बलिहारी मैं जाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

चरणों से निकली गंगा प्यारी,
जिसने सारी दुनिया तारी।
मैं उन चरणों के दर्शन पाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

दास अनाथ के नाथ आप हो।
दुःख सुख जीवन प्यारे साथ आप हो।
हरी चरणों में शीश झुकाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥

श्री हरीदास के प्यारे तुम हो।
मेरे मोहन जीवन धन हो।
देख युगल छवि बलि बलि जाऊं।
श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं॥


अधरधर मुरली बजैया की


अधरधर मुरली बजैया की आरती कृष्ण कन्हैया की।
कृष्ण तुम मथुरा जन्म लियो नंद घर मंगलांचार कियो॥
यशोदा गोद खिलैया की…….आरती
कृष्ण तुम यशोदा के छैया श्याम बलदाऊ के भैया।
कि वन-वन धेनु चरैया की…….आरती
कृष्ण तुम कंसासुर मार्यो श्याम तुम भूमि भार तार्यो ।
कालिया नाग नथैया की…….आरती
कृष्ण तुम अर्जुन के प्यारे श्याम हो भक्तन रखवारे।
जमुना तट रास रचैया की…….आरती
आरती गाते कृष्णानंद कि मन में होत अति आनंद।
विनय है लाज रखैया की…….आरती


Kindly Visit for School Morning assembly : स्कूलों की प्रार्थना सभा के लिए सामग्री

Kindly Visit for Devi Jas Collectin : देवी जस गीत लीरिक्स भाग 1

छिंदवाड़ा भजन डायरी मुख्य सूची

S.No.Table of Contents
1गाइये गणपति जगवंदन ।
2शंकर सुवन भवानी के नंदन
3नमामि श्री गणराज
4श्री गणराज पूजा तुम्हारी है।
5आना गणपति देवा, हमारे घर कीर्तन में,
6मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे
7मंगल मूरति राम दुलारे, आन पड़ा अब तेरे द्वारे,
8हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
9हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
10ये प्रेम सदा भरपूर रहे गुरुदेव तुम्हारे चरणों में।
11तोरा मन दर्पण कहलाये ॥
12बीत गये दिन भजन बिना रे
13बड़ी देर भई नंदलाला, तेरी राह तके बृजबाला
14बजरंगबली तेरा, हम दर्श अगर पाए,
15बंसी बजा के श्याम ने,
16करूँ वंदन हे शिव नंदन, तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
17ओ पापी मन करले भजन
18गुरुदेव दया करके, मुझको अपना लेना
19उठो मुसाफिर बिस्तर बांधो गाड़ी आने वाली है,
20स्ंसारी सतकर्म जोड़ी,हरिनामाची लागू दे गोड़ी
21सांझ भई तू सोजा पंछी,भोर भई उड़ जाना है
22बादल देख डरी ,ष्याम मै बादल देख डरी।।
23झुनक स्याम की पैजनियाँ |
24झनक झनक तोरी बाजे पायलिया
25अजहुँ ना आए बालमा, सावन बीता जाए
26भोले की भांग पीलो, भक्ति का नषा चढ़ेगा
27झूला झूलन आ गए कन्हैया
28होली खेलन को कन्हैया,बरसाने अइयो
29नाचे जो नंदकिषोर
30राम आएँगे आएँगे,राम आएँगे
31सजा दो घर को गुलशन सा, मेरे सरकार आये है,
32ले तो आए हो कान्हा गोकुल के गांव में
33मात पिता गुरु चरणों में
34मन भजले तू रामकृष्णा सोए देखे सपना
35सर पे मटकीया दो दो धरी,
36तेरी हीरा जैसी श्वांसा बातो में बीती जाये रे
37तेरी अंखिया हैं जादू भरी
38मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
39तेरी बन जैहैं गोविन्द गुण गायेसे
40श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी
41तेरी पार करेंगे नैय्या, भज मन कृष्ण कन्हैया
42मानव जनम अनमोल रे
43ये तो प्रेम की बात है ऊधौ
44श्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
45अधरधर मुरली बजैया की

Chhindwara Bhajan Diary का महत्त्व

“छिंदवाड़ा भजन डायरी” (Chhindwara Bhajan Diary) एक अनमोल संग्रह है जो भारतीय सांस्कृतिक धरोहर की भक्ति भावना और आध्यात्मिक उत्साह को समाहित करता है। यह Chhindwara Bhajan Diary संग्रह प्रसिद्ध भजन गायकों जैसे हरिहरन, हरिओम शरण, अनूप जलोटा, पंकज उधास और कई अन्य महान गायक, जिनमें ऐतिहासिक संत जैसे नामदेव और तुकाराम भी शामिल हैं, को श्रद्धांजलि देता है। इन कलाकारों ने भक्ति संगीत की दुनिया में अमिट योगदान दिया है, उनकी आवाज़ें दिव्य ध्वनि के साथ प्रतिध्वनित होती हैं और लाखों लोगों के दिलों को छूती हैं। इस Chhindwara Bhajan Diary में संकलित भजन विभिन्न देवताओं जैसे भगवान शिव, भगवान कृष्ण, भगवान राम, वीर हनुमान और माता दुर्गा को समर्पित हैं, साथ ही अन्य प्रेरणादायक दिव्य शक्तियों को भी। ये Chhindwara Bhajan Diary भजन न केवल इन देवताओं के गुणों और कार्यों की प्रशंसा करते हैं बल्कि भक्तों के लिए प्रेरणा और ऊर्जा का माध्यम भी बनते हैं।

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