Architect of Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर के वास्तुकार
सर्वप्रथम Ayodhya Ram Mandir के construction की डिजाइन वर्ष 1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार के द्वारा तैयार किया गया था । सोमपुरा परिवार पिछले 15 पीढ़ियों से मंदिरों की डिजाइन बना रहे हैं और अब तक 100 से ज्यादा मंदिरों की डिजाइन बना चुके हैं। वर्ष 2020 में जब श्री राम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ तो मंदिर के पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव करके उसे स्वीकार कर लिया गया और उसी के अनुसार मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। राम मंदिर 235 फीट चौड़ा, 360 फीट लंबा और 161 फीट ऊंचा होगा। विदित होवे कि राम मंदिर नागर शैली में बनाया जा रहा है। नागर शैली भारतीय पुरातत्व वास्तुकला के प्रकारों में से एक है। इस मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं।
वास्तुकारों ने मंदिर परिसर में प्रार्थना कक्ष, राम कथा कुंज, वैदिक पाठशाला, संत निवास, यति निवास, संग्रहालय और कैफेटेरिया को डिजाइन किया है। मंदिर के साथ इनका निर्माण भी किया जा रहा है। अयोध्या का राम मंदिर बेहद विशाल होगा। कहा जा रह है कि जब यह मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
राम मंदिर शिलान्यास समारोह (Ayodhya Ram Mandir foundation stone laying ceremony)
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का शिलान्यास भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त 2020 को किया। इस दौरान आधारशिला के रूप में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने चांदी की ईंट की स्थापना की। इसके पहले श्रीराम जन्मभूमि पर पंडितों ने तीन दिवसीय वैदिक अनुष्ठान किया था । इस दौरान भगवान राम की पूजा की गई और मंदिर के शिलान्यास में सभी प्रमुख देवी-देवताओं को आमंत्रित किया गया था । भारत के कई धार्मिक स्थानों से मिट्टी और पवित्र जल लाया गया है । इस दौरान पाकिस्तान की शारदा पीठ से भी मिट्टी लाई गई थी । साथ ही गंगा, सिन्धु, यमुना, सरस्वती और कावेरी नदी का जल अर्पित किया गया था । शिलान्यास समारोह के पावन उत्सव में अयोध्या में मंदिरों में 7 हजार से ज्यादा दिए जलाए गए।
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर 2.7 एकड़ भूमि में बन रहा है। जिसमें 54,700 वर्गफुट भूमि शामिल है। राम का मंदिर का पूरा परिसर लगभग 70 एकड़ भूमि में तैयार हो रहा है। इस परिसर में इतनी जगह होगी कि लाखों भक्त एकसाथ मंदिर में भगवान श्री राम के दर्शन कर सकेंगे। राम मंदिर का निर्माण कार्य “श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट” के देखरेख में Larsen & Tubro Company (L&T) कर रही है। इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के बंसी पर्वत के बलुआ पत्थरों से हो रहा है।
राम मंदिर का डिजाइन (Ayodhya Ram Mandir Design)
मंदिर का डिजाइन चंद्रकांत सोमपुरा (Chandrakant sompura) ने अपने बेटों के साथ मिलकर बनाया है। चंद्रकांत सोमपुरा को इस मंदिर का डिजाइन बनाने के लिए वर्ष 1992 में नियुक्त किया गया था। चंद्रकांत सोमपुरा ने बताया कि नागर शैली में बनाए जा रहे इस मंदिर का प्रवेश द्वार पूर्व की ओर बनाया जाएगा जो गोपुरम शैली में होगा। यह द्वार दक्षिण के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करेगा। मंदिर की दीवारों पर भगवान श्री राम के जीवन को दर्शाने वाली कलाकृतियां प्रदर्शित होंगी।
मंदिर का आकार (Size of Temple)
मंदिर का आकार मौजूदा ढांचे से तीन गुना बड़ा होगा। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोणीय आकार का होगा, जबकि संरचना की परिधि गोलाकार होगी। गर्भगृह का निर्माण मकराना मार्बल से किया जा रहा है। मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा जिसमें पांच गुंबद और एक टावर होगा। मंदिर को तीन मंजिला बनाया जा रहा है। गर्भ गृह को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि सूर्य की किरणें सीधे रामलला पर पड़ें। रामलला भगवान श्रीराम के बाल अवतार हैं। मंदिर में गर्भ गृह की तरह गृह मंडप पूरी तरह से ढंका होगा, जबकि कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और दो प्रार्थना मंडप खुले रहेंगे।
मंदिर में लगने वाले सभी दरवाजे और खिड़कियां सागौन की लकड़ी से बनाए जाएंगे जो पूरी तरह से हवा के आवागमन के लिए खुले रहेंगे । यह बेहद मजबूत लकड़ी होती है जिसकी उम्र लगभग 100 वर्ष के आस पास होती है। इन लकड़ियों को महाराष्ट्र के चंद्रपुर एवं अन्य स्थानों से मंगवाया गया है।
भगवान की मूर्ति (Idol of God)
नवनिर्मित श्री राम मंदिर में भगवान राम की 2 मूर्तियां रखी जाएंगी। एक वास्तविक मूर्ति होगी जो 1949 में मिली थी और दशकों तक तंबू में रही है। दूसरी एक बड़ी मूर्ति होगी जिसका निर्माण कार्य चल रहा है। इस मूर्ति के निर्माण के लिए नेपाल से शालिग्राम की दो शिलाएं अयोध्या लाई गई थी। ये शिलाएं नेपाल के मुस्तांग जिले में बह रही काली गण्डकी नदी के तट से लाई गई थी। कहा जा रहा है कि शालिग्राम की यह शिलाएं छह करोड़ वर्ष पुरानी हैं। इन शिलाओं का वजन 26 टन और 14 टन है।
काली गण्डकी नदी के तट पर पाई जाने वाले शिलाएं बेहद प्रसिद्ध हैं। इन्हें शालिग्राम शिला कहा जाता है। सनातन धर्म में इन शिलाओं को भगवान विष्णु के प्रतीक के रूप में स्वीकार किया जाता है और प्रत्येक घर में इनकी पूजा की जाती है। “श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र” के महासचिव चंपत राय ने इन शिलाओं से भगवान श्रीराम मूर्ति बनाने का आग्रह किया था। जिसे ट्रस्ट और भारत के लोगों द्वारा स्वीकार कर लिया गया है। चंपत राय ने हाल ही में मीडिया को बताया है कि मंदिर में भगवान श्री राम की पांच वर्ष की आयु के स्वरूप वाली मूर्ति की स्थापना की जाएगी। इस मूर्ति का पूर्ण स्वरूप बाल्मीकि रामायण से लिया गया है।
मंदिर का घंटा (Temple Bell)
मंदिर में 2100 किलो वजनी एक विशाल घंटा लगाया जाएगा। जो 6 फुट ऊंचा और 5 फुट चौड़ा होगा। इसके अलावा मंदिर में विभिन्न आकार के 10 छोटे घंटे भी लगाए जाएंगे। जिनका वजन 500, 250, 100 किलो होगा। घंटों का निर्माण पीतल के साथ अन्य धातुओं को मिश्रित करके किया जाएगा। इन घंटों का निर्माण जलेसर, एटा की फर्म “सावित्री ट्रेडर्स” कर रही है। एटा का जलेसर पूरी दुनिया मे घुंघरू और घंटी उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी इन चीजों का निर्माण कर रहे हैं। देश के कई मंदिरों में जलेसर के बने हुए घंटे लगे हैं।
मंदिर को मिल रहा है दान
अयोध्या में भगवान राम का मंदिर बनाने के लिए अपनी इच्छा से श्रद्धालु लगातार दान कर रहे हैं। रामलला के मंदिर को हर माह करोड़ो रुपये दान में मिल रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि इन दिनों रामलला के बैंक खाते में हर माह एक से डेढ़ करोड़ रुपये दान के रूप में आ रहे हैं जबकि दानपात्र में 60 से 70 लाख रुपये प्रति दिन भक्तों के द्वारा प्रदाए किए जा रहे है। जैसे जैसे मंदिर निर्माण का कार्य पूर्ण होता जाएगा, दान में बढ़ोत्तरी भी होती जाएगी। वर्तमान में रामलला के दर्शन करने के लिए 50 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन आ रहे हैं। मंदिर के निर्माण पूरा हो जाने के बाद यहां पर 1 लाख श्रद्धालु प्रतिदिन आने की पूर्ण संभावना है।
अयोध्या राम मंदिर में दान करने संबंधी समस्त जानकारी के लिए इसे एक बार अवश्य पढ़ें : राम मंदिर में कैसे दान करें
अयोध्या में हो रहा है चहुमुखी विकास
अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की सरकार ने पर्याप्त तैयारी कर ली है। अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में 32 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया है। इसके तहत अयोध्या को एक अत्यंत सुंदरतम नगरी के रूप में विकसित किया जा रहा है। साथ ही अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाया जा रहा है , ताकि यात्रियों को आने में परेशानी न हो। इसके साथ ही अयोध्या के रेलवे स्टेशन को आधुनिक स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इनके अलावा मठ-मदिरों का सुंदरीकरण किया जा रहा है और शहर में Four Lane और Six Lane मार्गों का निर्माण भी किया जा रहा है।
22 जनवरी के बाद ही बनाएं अयोध्या यात्रा की योजना: मंदिर ट्रस्ट
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण कार्य की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने 3 नवंबर को एक निवेदन जारी किया , जिसमें भक्तों से अपने घरों से मंदिर के भव्य उद्घाटन का जश्न मनाने का अनुरोध किया गया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में, मंदिर का उद्घाटन समारोह 22 जनवरी 2024 को आयोजित किया जाएगा। अयोध्या में श्री राम मंदिर का अभिषेक (प्राण प्रतिष्ठा) समारोह उस दिन सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच आयोजित किया जाएगा। श्री राम मंदिर उदघाटन के दिन उत्तर प्रदेश के इस छोटे से शहर में बहुत अधिक भीड़ होने की उम्मीद है, जहां बुनियादी ढांचा अभी भी विकास के चरण में है।
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FAQs: People Always Ask
राम मंदिर कौन बनवाया है?
सर्वप्रथम राम मदिर की डिजाइन वर्ष1988 में अहमदाबाद के सोमपुरा परिवार के द्वारा तैयार किया गया था । मंदिर के मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके दो बेटे निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा हैं। वास्तुकारों ने मंदिर परिसर में प्रार्थना कक्ष, राम कथा कुंज, वैदिक पाठशाला, संत निवास, यति निवास, संग्रहालय और कैफेटेरिया को डिजाइन किया है। मंदिर के साथ इनका निर्माण भी किया जा रहा है। अयोध्या का राम मंदिर बेहद विशाल होगा। कहा जा रह है कि जब यह मंदिर पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा तो यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा हिंदू मंदिर होगा।
राम मंदिर कौन से गांव में है?
राम मन्दिर उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर बनाया जा रहा एक हिन्दू मन्दिर है जहाँ ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर कहा जाता है कि यहाँ भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था । मन्दिर निर्माण की पूरी देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है।
राम मंदिर अयोध्या के लिए रजिस्ट्रेशन कैसे करें?
आप यदि अयोध्या राम मंदिर दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो राम मंदिर की आधिकारिक वेबसाइट @ srjbtkshetra.org पर जाकर आवश्यक जानकारियाँ भरकर रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं ।
राम मंदिर कौन से राज्य में स्थित है?
राम मंदिर उत्तरप्रदेश राज्य में स्थित है । पहले यह फैजाबाद जिले का एक छोटा शहर था लेकिन अब इसे जिले का दर्ज दे दिया गया है ।
राम मंदिर बनने में कितना खर्च आएगा?
अयोध्या में हो रहे भव्य राम मंदिर निर्माण पर अब तक करीब 2000 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। इसे बनाने में 14000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है ।
अयोध्या मंदिर कौनसे जिले में है ?
अयोध्या उत्तरप्रदेश के अयोध्या जिले में स्थित है । यह सरयू नदी के किनारे राम जन्मभूमि कहलाती है ।