Ram Van Gaman Path
- Uttar Pradesh
- Chhattisgarh
- Madhya Pradesh
- Maharashtra
- Karnataka
- Telengana
- Tamilnadu
- Sri Lanka
Cultural and Religious Significance : सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व
राम वन गमन पथ वह मार्ग है जिस पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण ने अपने ‘वनवास’ या निर्वासन वर्षों के दौरान यात्रा की थी। यह मार्ग अयोध्या से श्रीलंका तक जाता है। इस मार्ग को हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि भगवान राम के जीवन के विभिन्न महत्वपूर्ण घटनाएं इस मार्ग पर घटित हुईं थीं।
रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान भारत से श्रीलंका तक की यात्रा की थी। उनके ‘वनवास’ के दौरान उन्हें किसी गांव या शहर में ठहरने की अनुमति नहीं थी और उन्होंने अपना जीवन एक वन में बिताया। इस कारण, अयोध्या से विदाई लेने के बाद, भगवान राम ने उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, ओडिशा, कर्णाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के वनों में भटकते रहे।
भूमिका :-
राम जन्मभूमि आंदोलन ने राम वन गमन पथ के लिए एक महत्वपूर्ण संकेत बनाया। 1991 में इस आंदोलन के उत्साह ने सरकार को भगवान राम के जीवन और गति को चित्रित करने और ट्रेस करने की पहल करने के लिए प्रेरित किया। भारत भर में कुल 248 स्थलों की पहचान की गई है जिन्हें यात्रा करने वाले लोगों के लिए रुचिकर स्थानों में विकसित करने का उद्देश्य है।
Location on Ram Van Gaman Path : भगवान राम की यात्रा का पावन मार्ग
भारत और श्रीलंका के राष्ट्रों के भीतर राम वन गमन पथ के मार्ग पर कुल 248 स्थलों की पहचान की गई है। इन स्थलों को विकसित करने और सांस्कृतिक और धार्मिक पर्यटन सर्किट के हिस्से के रूप में प्रदर्शित करने की योजना है। नीचे कुछ प्रमुख स्थलों का उल्लेख किया गया है।
राम वन गमन पथ, जिसे भगवान राम की वनवास यात्रा का पावन मार्ग भी कहा जाता है, इस मार्ग पर ऐसे स्थल है जो हिन्दू धर्म के एक प्रमुख देवता भगवान राम की वनवास यात्रा का सम्पूर्ण विवरण देता है। यह मार्ग अयोध्या से श्रीलंका तक फैला है और इस पर भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की ‘वनवास’ या निर्वासन वर्षों की यात्रा का सम्पूर्ण विवरण मिलता है । इस यात्रा के दौरान, भगवान राम ने भारतीय राज्यों के कई स्थलों से होते हुए गए और यहाँ उनके जीवन के महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुईं।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में राम वन गमन पथ के एक 177 किलोमीटर के खंड का विकास किया जा रहा है, जिसे ‘राम वन गमन मार्ग’ कहा जाता है। इस मार्ग के विकास के तहत कई महत्वपूर्ण स्थल विकसित किए जा रहे हैं, जैसे:
- अयोध्या :अयोध्या, भगवान राम के जन्मस्थल के रूप में महत्वपूर्ण है। यहाँ भगवान राम का जन्म हुआ था और इसे पावन स्थल के रूप में माना जाता है
- सुलतानपुर: इस स्थल पर भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान कुछ समय बिताया था।
- प्रतापगढ़: इस स्थल पर भगवान राम ने अपने द्वारका जाने के पहले कुछ समय बिताया था।
- प्रयागराज: प्रयागराज, जिसे प्रयाग के रूप में भी जाना जाता है, भगवान राम के वनवास के दौरान महत्वपूर्ण स्थल था। यह संगम क्षेत्र के रूप में माना जाता है, जहाँ त्रिवेणी संगम होता है।
- चित्रकूट: यह स्थल भगवान राम, सीता, और लक्ष्मण के वनवास के दौरान उनके पास महत्वपूर्ण था। यहाँ पर्वत और नदी की खूबसूरत दृश्य हैं जो इस स्थल को आकर्षक बनाते हैं।
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश की सरकार भी राम वन गमन पथ को 3 चरणों में विकसित करने की योजना बना रही है। इस परियोजना में निम्नलिखित स्थल शामिल हैं:
- चित्रकूट: चित्रकूट में भगवान राम, सीता, और लक्ष्मण ने अपने वनवास के दौरान वनवास बिताया था।
- अमरकंटक (शाहडोल): यह स्थल मध्य प्रदेश का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है और इसे भगवान नरसिंह के ध्यान के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
- सतना: सतना भगवान राम के द्वारका जाने के पहले उनके द्वारकाधिश के रूप में जाने जाने के पास एक महत्वपूर्ण स्थल है।
छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ में इस क्षेत्र के विकास और पुनर्निर्माण के पहले चरण में नौ स्थलों का चयन किया गया है। इनमें शामिल हैं:
- सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया): यह स्थल भगवान राम और सीता माता के वनवास के दौरान महत्वपूर्ण था।
- रामगढ़ (सुरगुजा): इस स्थल पर भगवान राम और सीता माता के वनवास के दौरान उनके पास ठहरने का अवसर मिला था।
- शिवरिनारायण (जांजगीर-चंपा): यह स्थल भगवान राम के द्वारका जाने के पहले उनके द्वारकाधिश के रूप में महत्वपूर्ण था।
महाराष्ट्र
- रामटेक: यह स्थल महाराष्ट्र में भगवान राम के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है।
- नासिक: नासिक शहर में भगवान राम के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
- तुळजापुर: यह स्थल भगवान राम के वनवास के दौरान उनके पास ठहरने का अवसर मिला था।
- नालदुर्ग: नालदुर्ग एक और महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, जिसे राम वन गमन पथ के हिस्से के रूप में विकसित किया जा रहा है।
कर्नाटक
- हम्पी: हम्पी भगवान राम के वनवास के दौरान उनके पास ठहरने का अवसर मिला था।
तेलंगाना:
- भद्राचलम: भद्राचलम भगवान राम की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण था।
तमिलनाडु:
- रामेश्वरम: रामेश्वरम श्रीराम और श्रीराम सेतु के साथ जुड़ा हुआ है। यह यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे पूजनीय माना जाता है।
- धनुष्कोडी: धनुष्कोडी भगवान राम की यात्रा के दौरान महत्वपूर्ण था और यह एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।
- राम सेतु: राम सेतु