Ayodhya Deepotsav 2023
सालभर के इंतजार के बाद हर्षोल्लास का पर्व यानि दिवाली का पर्व आ रहा है। भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या समेत पूरे देश में दीपावली पर्व की तैयारियां चल रही है। हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दीपोत्सव मनाया जाता है। इस दिन राम की नगरी अयोध्या के भव्य दीपोत्सव Ayodhya Deepotsav 2023 पर देश और दुनिया की नजर रहती है।
HIGHLIGHTS
- दीपावली पर 24 लाख दीपों से सजी अयोध्या नगरी
- पिछले दीपोत्सव पर प्रज्ज्वलित हुए थे 15 लाख दीये
- तैयारी पूरी होने के बाद सरयू नदी के किनारे दिखा अद्भुत नजारा
दीप के इस पर्व को लेकर कई मान्यताएं जुड़ीं हुई हैं जिनमें सबसे अधिक प्रचलित है कि कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवान श्रीराम रावण का वध कर व लंका पर विजय हासिल करके 14 वर्षों के बाद वनवास की समयावधि को पूरा करने के पश्चात अपनी जन्मभूमि अयोध्या लौटे थे। अपने प्रभु के आने की खुशी में व उनके स्वागत के लिए अयोध्यावासी पूरे नगर को दीयों से रोशन कर दिए थे। यही वजह है कि इस त्योहार को दीप के पर्व से जाना जाता है।
24 लाख दीपों से सजेगी अयोध्या नगरी
इस दिन राम की नगरी अयोध्या के भव्य दीपोत्सव Ayodhya Deepotsav 2023 पर दुनियाभर की नजर रहती है। इस बार रामनगरी में 24 लाख दीपों का विश्व कीर्तिमान बनाने का लक्ष्य है। इसके मद्देनजर राम की पैड़ी व चौधरी चरण सिंह घाट के सभी 51 स्थलों पर 24 लाख दीयों को सज्जित कर दिया गया है।
पिछले दीपोत्सव पर 15 लाख दीये प्रज्ज्वलित हुए थे
दीपोत्सव का प्रत्येक संस्करण भव्यता का प्रतिमान गढ़ने वाला रहा है। पिछले दीपोत्सव पर 15 लाख जलते दीपों का कीर्तिमान बनाने के लिए दो करोड़ पांच लाख रुपये खर्च हुए थे। इस बार दीपोत्सव के सातवें संस्करण में भी विश्व कीर्तिमान बनाया जाएगा। कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल के निर्देशन में Ayodhya Deepotsav 2023 की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है।
घाटों को रोशन करने की तैयारी पूरी
दिवाली पर 24 लाख दीपक जलाकर अयोध्या के घाटों को रोशन करने की तैयारी पूर्ण हो चुकी है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के वॉलंटियर्स ने बताया कि ‘अयोध्या दीपोत्सव’ को ऐतिहासिक बनाने के लिए राम की पैड़ी और चौधरी चरण सिंह के 51 घाटों पर दिए जलेंगे।
अयोध्या दीपोत्सव में प्रतिवर्ष बढ़ने वाले श्रद्धालुओं की आस्था
क्रं | वर्ष | भारतीय पर्यटक | विदेशी पर्यटक | कुल पर्यटक |
1 | 2017 | 1,78,32,717 | 25,141 | 1,78,57,858 |
2 | 2018 | 1,95,34,824 | 28,335 | 1,95,63,159 |
3 | 2019 | 2,04,63,403 | 28,331 | 2,04,91,724 |
4 | 2020 | 61,93,537 | 2,611 | 61,96,148 |
5 | 2021 | 1,57,43,359 | 431 | 1,57,43,790 |
6 | 2022 | 2,21,12,402 | 26,403 | 2,21,38,805 |
7 | 2023 |
1. 2017 में मेगा इवेंट के रूप में दीपोत्सव की शुरुआत
वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटी दीपावली के दिन मेगा इवेंट के रूप में दीपोत्सव की शुरुआत की। पहले संस्करण में ही रामकी पैड़ी पर रिकॉर्ड एक लाख 87 हजार दीप जले। पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकाप्टर से सरयू तट पर राम, सीता एवं लक्ष्मण के स्वरूप उतरे।
2. 2018 दीपोत्सव का दूसरा संस्करण
दुसरे संस्करण में पूर्व के कार्यक्रमों का पूरी गरिमा से पालन किए जाने के साथ प्रज्ज्वलित दीपों की संख्या तीन लाख 11 हजार तक जा पहुंची और सर्वाधिक दीप जलने के साथ रामनगरी पूरी तरह आलोकित की गई थी ।
3. 2019 तीसरे संस्करण में चार लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित
दीपोत्सव के तीसरे संस्करण में रामकी पैड़ी परिसर में एक साथ चार लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित हुए।
4. 2020 दीपोत्सव का चौथा रिकार्ड
चौथे दीपोत्सव में केवल पैड़ी परिसर में ही छह लाख छह हजार दीप जलाए गए थे जबकि एक लाख 51 हजार दीप 15 अन्य पौराणिक स्थलों पर प्रज्ज्वलित किए गए थे । जो पुनः गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज हुई।
5. 2021 दीपोत्सव का पाँचवा उत्सव
दीपोत्सव का पांचवा संस्करण उत्सवधर्मिता का और भी नया अध्याय प्रशस्त करने वाला सिद्ध हुआ। इस बार कुल नौ लाख 41 हजार दीप दीप जलाए गए।
6. 2022 में पुनः बना दीपोत्सव का वर्ल्ड रिकार्ड
दीपोत्सव के छठें संस्करण में अकेले पैड़ी परिसर में ही 15 लाख दीप जलाए गए जबकि पूरे अयोध्या नगरी में 18 लाख से अधिक दीप प्रज्ज्वलित किए गए थे।
7. 2023 का 21 लाख दीयों का ऐतिहासिक वर्ल्ड रिकार्ड
रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर के साथ संपूर्ण रामनगरी को दिव्यता प्रदान करने का अभियान चल रहा है और 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में रामलला का विग्रह नवनिर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होगा।
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अयोध्या दीपोत्सव क्या है ?
दीपोत्सव अयोध्या सहित सम्पूर्ण विश्व का एक वार्षिक उत्सव है जो भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या नगर में दीपावली के त्योहार के उत्सव के रूप में मनाया जाता है । यहां पूरे नगर को मिलाकर लाखों मिट्टी के दीपों से रोशन किया जाता है, जिससे भगवान राम के 14 वर्षीय वनवास के बाद अयोध्या लौटने का ऐतिहासिक घटना का आभास होता है।
दीपोत्सव कहां होता है?
दिपोत्सव उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या नगर में मनाया जाता है, जो हिंदू मान्यता के अनुसार भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में अत्यंत महत्त्व रखता है।
दीपोत्सव कब होता है?
दिपोत्सव दीपावली के त्योहार के दौरान मनाया जाता है, जो हिन्दू चंद्र कैलेंडर के आधार पर अक्टूबर या नवंबर में होता है। विशेष तिथि प्रत्येक वर्ष बदलती है, चंद्रमा के चक्र के आधार पर। इस वर्ष दिपोत्सव 11 नवंबर 2023 को मनाया जाएगा।
Ayodhya Deepotsav 2023 मे कैसे भाग लें?
कोई भी व्यक्ति Ayodhya Deepotsav 2023 में भाग लेने के लिए अयोध्या जा कर शामिल हो सकता है। यहां शामिल होने के कुछ सामान्य दिशानिर्देश हैं:
- पहले से योजना बनाएं: घटना की लोकप्रियता को देखते हुए, आपकी यात्रा की योजना बनाना उचित है। स्थान और परिवहन की ठीक-ठाक बुकिंग करें।
- कपड़े उपयुक्त रूप से पहनें: कोई सख्त वस्त्र पहनने का निर्देश नहीं है, लेकिन सम्पूर्ण रूप से उत्सव में विराजमान होने के लिए पारंपरिक भारतीय परिधान पहनना उचित है।
- उत्सव में शामिल हों: Ayodhya Deepotsav 2023 में सांस्कृतिक कार्यक्रम, परिषदें और दीपों को जलाने का मुख्य कार्यारम्भ होता है। आप दीपों को जलाकर या केवल जीवंत वातावरण का आनंद लेकर भाग ले सकते हैं।
- स्थानीय आचार-विचार और परंपराओं का आदर करें: किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक घटना के साथ, स्थानीय आचार और परंपराओं का आदर करना महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, दीपावली के दौरान कई लोग उपवास करते हैं या कुछ खाद्य सामग्रियों से बचते हैं।
- सुरक्षित रहें: दीपोत्सव में अत्यधिक भीड़ होती है, ताकि इसमे सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। अपनी वस्त्रों की सुरक्षा करें, अपने आस-पास के परिस्थितियों का ध्यान रखें और स्थानीय प्राधिकृतियों द्वारा प्रदान किए गए किसी भी निर्देश या निर्देशों का पालन करें।
- यदि आप और सक्रिय या सुनीयोजित रूप से भाग लेने में रुचि रखते हैं, तो आप स्थानीय टूर ऑपरेटर्स या उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग से संपर्क कर सकते हैं। उनके पास पर्याप्त योजनाएं या कार्यक्रम हो सकते हैं जो पर्यटकों को उत्सवों में शामिल होने के लिए डिज़ाइन किए गए हों।
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