अयोध्या से चित्रकूट तक 210 किमी लंबा होगा राम पथ
भगवान राम इसी रास्ते वनवास को गए थेअयोध्या से चित्रकूट तक बनने वाले राम वन गमन मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। कुछ महीनों बाद, किसानों को इसके लिए मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजा देने के बाद, गंगा पर ब्रिज का निर्माण भी शुरू होगा। इस 177+33=210 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण के लिए 4219 +250=4469 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इस पथ का निर्माण लोक निर्माण विभाग का नेशनल हाईवे खंड करेगा। जो 2025 महाकुंभ के पूर्व पूरा होगा । इस मार्ग के निर्माण से धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
राम वन गमन मार्ग की प्रगति
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की जन्मस्थली अयोध्या में एक भव्य मंदिर के निर्माण का काम शुरू हो गया है। उसके साथ ही भगवान राम के वन गमन मार्ग के निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। प्रदेश सरकार ने तय किया है कि वह अयोध्या से चित्रकूट तक ही इस मार्ग का निर्माण करेगी। लेकिन केंद्र सरकार का प्रयास है कि यह मार्ग श्रीलंका तक फैलाया जाए। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश से पहले मध्य प्रदेश में राम वन गमन मार्ग का निर्माण पूरा हो चुका है।
उत्तरप्रदेश मे 6 फेज में होगा मार्ग निर्माण
चुनाव से पहले, लोक निर्माण विभाग के नेशनल हाईवे खंड ने 210 किलोमीटर के चार लेन वाले राम वन गमन मार्ग का खाका NHAI के सहयोग से तैयार कर लिया था। अब उस पर काम शुरू हो गया है।
- इस मार्ग के पहले फेज में, जिसकी लागत 265 करोड़ रुपये है, प्रतापगढ़ के मोहनगंज से अवतारपुर तक 35 किलोमीटर की सड़क बनेगी।
- दूसरे फेज में, 699 करोड़ रुपये की लागत से प्रयागराज के अवतारपुर से सिंगरौर उपरहार तक 14 किलोमीटर की सड़क बनेगी।
- तीसरे फेज का काम 1125 करोड़ रुपये में होगा। इसी फेज में, कौशांबी में 471 किसानों से 74.8770 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा रही है, और यह हिस्सा करीब 30 किलोमीटर का है। इसी में श्रृंगवेरपुर में गंगा पर 6 लेन का 12 सौ मीटर का ब्रिज बनेगा। ब्रिज का पार करते ही कौशांबी जिला शुरू हो जाएगा। तीसरे फेज का हिस्सा कौशांबी में रोही गांव तक रहेगा।
- उसके बाद चौथे फेज में रोही से रम्पुरिया अव्वल तक सड़क का निर्माण होगा।
- पांचवें फेज में कौशांबी के रंपुरिया अव्वल से चित्रकूट जिले के चकला राजरानी तक और फिर
- आखिरी चरण में कामतानाथ पर्वत के निकट रैपुरा तक निर्माण होगा। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अभी अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई है और दो साल में राम वन गमन को काम पूरा कर लिया जाएगा।
यूपी में इन जगहों पर वनगमन स्थल
चित्रकूट के राजापुर में महाकवि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली से महर्षि बाल्मीकि की जन्मस्थली रैपुरा को जोड़ने वाला मार्ग इसी परियोजना में शामिल है। यह मार्ग 10 मीटर चौड़ा होगा। अभी यह साढ़े पांच मीटर चौड़ा है। इस पर 132 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
तमसा नदी: अयोध्या से 20 किमी दूरी से महादेवा घाट से दराबगंज तक वन-गमन यात्रा का 35 किलोमीटर। पहला पड़ाव होगा रामचौरा यहां राम ने रात्रि विश्राम किया था। यूपी सरकार ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है।
शृगवेरपुर (सिंगरौर): गोमती नदी पार कर प्रयागराज (इलाहाबाद) से 20-22 किमी श्रृंगवेरपुर। निषादराज गुह का राज्य। श्रृंगवेरपुर को अब सिंगरौर कहते हैं। श्रृंगवेरपुर से मोहिद्दीनपुर गौस तक के क्षेत्र में पुल बनाया जाएगा, जो राम वन मार्ग का महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। इसके बाद, मार्ग गंगा के किनारे से गुजरेगा और अन्य गांवों के माध्यम से यात्रा को जारी रखेगा। इसके लिए कई क्षेत्रों में सड़क का निर्माण किया जाएगा, और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़क की बनावट की आवश्यकता होगी।
कुरई: इलाहाबाद सिंगरौर के निकट गंगा उस पार कुरई नामक स्थान है। यहां एक मंदिर है जिसमें राम, लक्ष्मण और सीताजी ने कुछ देर विश्राम किया।
प्रयाग: कुरई से आगे राम प्रयाग पहुंचे थे। संगम के समीप यमुना नदी पार कर यहां से चित्रकूट पहुंचे। यहां वाल्मीकि आश्रम, मांडव्य आश्रम, भरतकूप आदि हैं।
कौशांबी के इन गांवों की जमीनों का अधिग्रहण कौशांबी क्षेत्र में भगवान राम के वन गमन मार्ग के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हो रहा है। यह मार्ग भगवान राम के यात्रा के महत्वपूर्ण स्थलों को जोड़ेगा। मार्ग का निर्माण गंगा पार करने के लिए पुल और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सड़क की आवश्यकता है।
चित्रकूट: चित्रकूट में श्रीराम के दुर्लभ प्रमाण मौजूद हैं। यहां राम को मनाने के लिए भरत अपनी सेना के साथ पहुंचे थे। यहीं से वह राम की चरण पादुका लेकर लौटे थे । यहां राम साढ़े ग्यारह साल रहे थे । इसके बाद सतना, पन्ना, शहडोल, जबलपुर, विदिशा के वन क्षेत्रों से होते हुए वह दंडकारण्य की ओर चले गये थे ।
यह योजना भगवान राम के वन गमन मार्ग को मौजूदा और आने वाले पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने का प्रयास है, जिससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सके।
राम वन गमन मार्ग पर लगेंगे 290 शिलालेख
राम वन गमन मार्ग के स्थानों की पहचान विशेष बनने के लिए अशोक सिंघल फाउंडेशन ने एक योजना तैयार की है । राम मंदिर आंदोलन के नायक रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल के नाम से बनी यह संस्था अयोध्या से रामेश्वरम तक के राम वन गमन मार्ग पर 290 शिलालेख स्थापित करेगा । इसकी शुरुआत उनके जन्मदिन 27 सितंबर को अयोध्या के पौराणिक महत्व के स्थल मणिपर्वत से हो चुकी है ।